एसजीपीसी के फैसले के विरोध में शिरोमणि अकाली दल हरियाणा की राज्य कार्यकारिणी ने दिए सामूहिक इस्तीफे

गुरुद्वारा नीम साहिब कैथल में शिरोमणि अकाली दल हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सरदार शरणजीत सिंह सौथा की अध्यक्षता में सिख संगत की एक अहम बैठक हुई।

इस बैठक में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) श्री अमृतसर साहिब द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार रघबीर सिंह, आनंदपुर साहिब के जत्थेदार सुल्तान सिंह और हाल ही में जत्थेदार हरप्रीत सिंह को उनके पदों से बर्खास्त करने के फैसले की कड़ी निंदा की गई। बैठक में शिरोमणि अकाली दल हरियाणा के प्रधान शरणजीत सिंह सौथा, महासचिव सुखवीर सिंह मांडी सहित कई पदाधिकारियों ने अपने पदों से सामूहिक इस्तीफे देने की घोषणा कर दी।
सिख संगत में नाराजगी, अकाली दल पर प्राइवेट कंपनी बनने का आरोप
बैठक में प्रधान शरणजीत सिंह सौथा ने इस फैसले को तुगलकी बताते हुए कहा कि इससे सिख संगत में गहरी निराशा फैल गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिरोमणि अकाली दल अब सिर्फ एक परिवार की प्राइवेट कंपनी बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले सिख परंपराओं और मर्यादाओं के खिलाफ हैं, जिससे सिख समाज में असंतोष बढ़ रहा है।

महत्वपूर्ण पदाधिकारियों का इस्तीफा
एसजीपीसी के इस फैसले के विरोध में हरियाणा के कई प्रमुख अकाली नेताओं ने अपने पदों से त्याग पत्र दे दिया। इस्तीफा देने वालों में शामिल हैं:
शरणजीत सिंह सौथा, प्रधान, शिरोमणि अकाली दल हरियाणा
सुखबीर सिंह माण्डी, सदस्य पीएसी व प्रधान महासचिव, शिरोमणि अकाली दल हरियाणा
पिरथीपाल सिंह झब्बर , सीनियर मीत प्रधान, हरियाणा
कुलदीप सिंह चीमा, प्रधान, युथ अकाली दल हरियाणा
मालक सिंह चीमा जीद , जनरल सेक्रेटरी, शिरोमणि अकाली दल हरियाणा
भूपिन्द्र सिंह, जिला प्रधान, अकाली दल कैथल
प्रीतम सिंह, जनरल सेक्रेटरी, अकाली दल कैथल
गुरमीत सिंह पुनियां, जनरल सेक्रेटरी, अकाली दल हरियाणा
सुच्चा सिंह कमहेड़ी , जनरल सेक्रेटरी, जिला कैथल
शिरोमणि अकाली दल में असंतोष
इस्तीफा देते हुए इन नेताओं ने कहा कि वे अकाली दल के गलत फैसलों का समर्थन नहीं कर सकते। उन्होंने दोहराया कि वे अकाली थे, अकाली हैं और अकाली ही रहेंगे।

इस बैठक में स. नरखैर सिंह गोराया, स. सिकंदर सिंह जींद, एडवोकेट मनिंदर सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। इसके अलावा, गुरमहिन्द्र सिंह गोराया (सरपंच), बलराज सिंह पोलड, अमरजीत सिंह फिरोजपुर, सुरजीत सिंह रामदासपुरा, अवतार सिंह सौथा, जसबीर सिंह सैर, परमजीत सिंह रामदासपुरा, सुखविन्द्र सिंह (पूर्व सरपंच, रामदासपुरा) सहित बड़ी संख्या में सिख संगत ने भाग लिया।

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