सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए लंबी-लंबी कतार में लगने की गर्भवती महिलाओं को जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व (पीएमएसएमए) योजना के तहत अब घर बैठे ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट मिल सकेगी। इसके लिए उन्हें पीजीआई की तर्ज पर ऑनलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी सिर्फ हेल्प लाइन नंबर 104 पर कॉल करनी होगी और उन्हें अप्वाइंटमेंट मिल जाएगी।
ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट होते ही जिला नागरिक अस्पताल में बनाए गए स्पेशल काउंटर से निश्शुल्क रजिस्ट्रेशन कार्ड मिलेगा और इसी स्पेशल रजिस्ट्रेशन कार्ड पर पहले ही तैनात डॉक्टर गर्भवती और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की जांच कर देंगे।
गर्भवती महिलाओं के लिए पहली बार हुई ये शुरुआत
प्रदेश सरकार ने पहली बार गर्भवती महिलाओं के उपचार के लिए हेल्प लाइन 104 जीआरएचएच की शुरुआत की है। इतना ही नहीं इसके लिए सभी प्रधान चिकित्सा अधिकारियों को स्पेशल काउंटर खोलने के निर्देश भी दिए हैं।
अंबाला जिला नागरिक अस्पताल में इस विशेष काउंटर की शुरुआत आठ मार्च को कर दी गई है। हेल्प लाइन 104 का लाभ केवल प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत ही मिलेगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत प्रदेशभर में हर महीने के 9, 10 और 11 को स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जाते हैं। इस दिन आइएमए के सहयोग से अतिरिक्त डॉक्टर भी सरकारी अस्पताल में अपनी सेवाएं देते हैं ताकि गर्भवती महिलाओं की जांच आसानी से हो सके। अब इस अभियान के तहत 104 हेल्पलाइन नंबर और विशेष काउंटर खोलने के निर्देश जारी किए गए हैं।
यह होगा फायदा
104 नंबर पर कॉल करने के बाद गर्भवती महिला को अप्वाइंटमेंट मिल जाएगी। इसी अप्वाइंटमेंट नंबर से पीएमएसएमए के तहत जांच करवाने आने वाली महिला संबंधित सरकारी अस्पताल में जाएगी तो वहां पर विशेष काउंटर बना होने के कारण उसे लाइन में नहीं लगना होगा।
आमतौर पर सरकारी अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन कार्ड बनवाने के लिए भी आधे से एक घंटा लग जाता है। लेकिन आनलाइन अप्वाइंटमेंट होने के कारण ऐसा नहीं होगा। उन्हें तुरंत कार्ड मिलेगा और इसी आधार पर उन्हें डाक्टर भी प्राथमिकता के आधार पर जांच के बाद उपचार देगा।
यदि गर्भवती महिलाओं को प्रसवपूर्व अवधि के दौरान गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान की जाए और गंभीर एनीमिया, गर्भावस्था से प्रेरित उच्च रक्तचाप आदि जैसे उच्च जोखिम वाले कारकों का समय पर पता लगाया जाए और उनका अच्छी तरह से प्रबंधन किया जाए, तो इनमें से कई मौतों को रोका जा सकता है।
इसी जोखिम को कम करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना की शुरुआत 2016 में की गई थी जिसे अब विस्तार दिया जा रहा है।
कितने हुए रजिस्ट्रेशन देनी होगी डिटेल
प्रत्येक जिले के नागरिक अस्पताल और सब डिवीजनल अस्पतालों में इस सुविधा के लिए अलग काउंटर बनाने के साथ-साथ इन काउंटर से ऐसे कितने कार्ड बनाए गए इसकी पूरी जानकारी हेडक्वार्टर को भेजनी होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस काउंटर से कितनी गर्भवती महिलाओं को लाभ हुआ।



