गोदामों से कौन खा गया एक साल में 12 करोड़ का गेहूं? अधिकारियों में मची खलबली, बड़े गोलमाल की आशंका

करनाल में एक साल के अंदर सुरसरी 12 करोड़ रुपये का गेहूं खा गई। ये सुनकर एक दम से अजीब लगता है, लेकिन हैफेड के अधिकारी तो यही दावा कर रहे हैं। इस दावे में कितनी सच्चाई है ये तो जांच के बाद ही पता लग पाएगा।
उधर, इतने बड़े स्तर पर गेहूं के गोलमाल की आशंका के चलते हरियाणा सरकार ने मामले की जांच बैठा दी है। पूरे मामले में करोड़ों रुपये के घोटाले की आशंका जताई जा रही है। जांच के बाद ही सच सामने आएगा कि गेहूं सुरसरी खा गई है या अधिकारियों ने इसे गायब कर दिया।
अधिकारियों में मची खलबली
मामले की जांच शुरू होने से अधिकारियों में खलबली मची हुई है। हैफेड के निसिंग, मंचूरी, असंध, नीलोखेड़ी व नेवल में दो गोदामों में मई 2024 में 227951 एमटी गेहूं का स्टाक लगाया गया था। एक साल बाद जांच में सामने आया कि गोदामों में अब 33780 एमटी गेहूं ही बची है।

यह गेहूं अब खाने लायक नहीं है, क्योंकि विभाग का दावा है कि इसे सुरसरी चट कर गई है। बोरों में चूरा भरा पड़ा है। पूरा मामला मुख्यालय पहुंच चुका है। इसी मामले में निवर्तमान हैफेड डीएम अमित कुमार का तबादला भी कर दिया गया है। उनकी जगह पर उधम सिंह को फिर से डीएम की कमान सौंपी गई है।
बता दें कि जब गेहूं का स्टाक लगाया गया तो उधम सिंह डीएम थे। लगभग एक-दो माह बाद उनका तबादला कर अमित कुमार को डीएम लगाया था। बताया जा रहा है कि तब मुख्यालय सौंपी गई जांच रिपोर्ट में स्टाक नियमानुसार था, लेकिन अब तबादले के बाद हुई जांच में गेहूं खराब पाई गई है।
सवालों के कटघरे में कई जिम्मेदार?

लोगों का पेट भरने वाले अन्न की इस बेकद्री में कहीं न कहीं जिम्मेदार अधिकारी भी सवालों के घेरे में हैं। सभी गोदामों पर ओरिगो कंपनी देखरेख करती है। इसके साथ ही विभाग के निरीक्षक-मैनेजर की भी ड्यूटी होती है। पूरे स्टाक डीएम की मानिटरिंग में होता है।
बड़ा सवाल ये उठता है कि एकदम से गेहूं कैसे खराब हो गया। अगर गेहूं में सुरसरी लगी थी तो बचाव के उपाय क्यों नहीं किए गए। क्या सुरसरी करीब दो लाख मीट्रिक टन गेहूं खा सकती है। इस तरह के सवाल जिम्मेदार अधिकारियों को संदेह के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।

ये कहते वर्तमान डीएम
हैफेड के डीएम उधम सिंह का कहना है कि नेवल के ग्रामीणों ने गोदाम से घरों तक सुरसरी आने की शिकायत दी थी। इसके बाद जांच की गई तो सभी गोदामों में करीब 12 करोड़ रुपये का गेहूं खराब-कम पाया गया है। इसकी रिपोर्ट बना कर मुख्यालय भेज दी गई है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। जिसकी भी संलिप्तता होगी, उस पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

admin

More From Author

सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एसडीएम ने ली अधिकारियों की ली बैठक, दिए आवश्यक दिशा निर्देश

हरियाणा के कच्चे कर्मचारियों को बड़ी राहत, नौकरी की सुरक्षा में बाधा नहीं बनेगी पिछले साल की गई हड़ताल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *