हरियाणा राजस्थान की सीमा के समीप राजस्थान के सांप्रदायिक एवं सद्भावना के प्रतीक उत्तर भारत के प्रसिद्ध गोगामेड़ी मेले का पुर्णिमा शनिवार को विधिवत शुरू हो गया। बता दें गोगामेडी में 9 अगस्त से 7 सितंबर 2025 तक एक माह तक चलने वाले मेले में इस वर्ष 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। सभी प्रकार की व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए सुरक्षा की दृष्टि से मेले को कई जोन में विभाजित किया गया है।
हनुमानगढ़ जिला के जिला कलेक्टर डॉ खुशाल यादव, एसपी हरिशंकर, भादरा के एमएलए संजीव बैनीवाल, नोहर पंचायत समिति प्रधान सोहन ढिल, गोगामेडी सरपंच महंत रूपनाथ ने मेला शुभांरभ पर गोगाजी की समाधि पर धौक लगाकर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की। पुजा-अर्चना के बाद राष्ट्रीय ध्वजारोहण कर शुभारम्भ किया।
मेला के शुभांरभ पर स्कुली छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय गान और गोगामेड़ी पुलिस थाने के पुलिसकर्मियों ने सशस्त्र सलामी दी। इसके बाद सभी ने गोगाजी महाराज मंदिर में गोगाजी की स्माधि पर चद्दर चढ़ा कर गोगामेड़ी मेला के सफल संचालन की प्रार्थना की।
सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से पूरे मेला क्षेत्र में भारी संख्यां में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। इस बार वाहन पार्किंग सहित पुरे मेले में सीसीटीवी कैमरों की चप्पे-चप्पे पर नजर रहेगी।
कड़ी सुरक्षा के प्रबंध
मंदिर के चढावे की निगरानी के लिए गोगाजी महाराज मंदिर में कैमरा लगाया गया है मेला क्षेत्र में गोगामेड़ी थानाप्रभारी के नेतृत्व में महिला पुलिसकर्मी, आरएसी, होमगार्ड जवान, घुड़सवार पुलिसकर्मिर्यों सहित सादा वर्दी में पुलिस जवान चौबिसों घंटों तैनात रहेगें। बता दें कि गोगामेड़ी मेले में लोक देवता जाहरवीर श्री गोगाजी महाराज के दर्शन करने के लिए हरियाणा, राजस्थान सहित देश भर के विभिन्न राज्यों से हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के लाखों की तादाद में श्रद्धालु यहां आते है।
आस्था का प्रतीक है
गोगामेडी मेला में हिन्दु, मुस्लिम, प्रत्येक वर्ग व धर्म के लोगों की आस्था के प्रतीक उतर भारत के प्रसिद्व मेले गोगामेडी़ में हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उतरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात व हिमाचल प्रदेश से लाखों लोग लोक देवता गोगा जी की समाधि पर धोक लगाने व सजदा करने लगे हैं। गोगा जी को हिन्दू लोग वीर के रूप में तथा मुस्लिम पीर के रूप में पूजते हैं। गोगा जी की समाधि उनके मस्जिदनुमा मंदिर में स्थित है। समाधि पर अश्वारोही गोगा जी की मूर्ति उर्त्कीण है। गुरू शिष्य परंपरा के अनुसार गोगामेडी़ आने वाले श्रद्धालु पहले गोगाजी के मंदिर से दो किलोमीटर दूर गोगाणा में पवित्र तालाब में स्नान कर गुरू गोरखनाथ के धूणे पर शीश नवातें हैं। बाद में गोगामेड़ी मंदिर में पूजा अर्चना करते है। कई भक्त पैदल व कुछ कनक दण्डवत आते है।
पशु मेला भी शुरू हुआ
धर गोगामेड़ी में हर साल आयोजित होने वाले पशु मेला भी शुरू हो गया है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने कहा कि ऊँटों की बिक्री का कार्य शुरू हो गया है। उन्होने कहा कि पशु मेला क्षेत्र में पर्याप्त रोशनी पेयजल व पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। ऊँट व्यापारी अपने ऊँटों के टोलों के साथ डेरा डाले हुए हैं। हरियाणा के किसान भी ऊँटों के साथ पहुंचने शुरू हो गये है। यह मेला 9 अगस्त से शुरू होकर 7 सितंबर तक चलेगा। पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित मेले में हरियाणा व राजस्थान के किसान व ऊँट व्यापारी ऊँटों के साथ आते हैं।



