नूंह अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार की अदालत ने गोतस्करी और पुलिस पर फायरिंग करने के आरोपित मुजीब को दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा और 42 हजार रुपये जुर्माने की कठोर सजा सुनाई है।
जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को तीन माह अतिरिक्त जेल में काटने पड़ेगे। इसी मामले में नामजद दूसरे आरोपित वसीम को भगौड़ा घोषित कर दिया गया है। उप जिला न्यायवादी मोहित तंवर ने बताया कि बीते साल 2019 में फिरोजपुर झिरका क्षेत्र में पुलिस ने गो तस्करी की सूचना पर कार्रवाई की थी।
पुलिस ने रोकने के लिए सड़क पर बिछाए लोहे के कांटे
पुलिस को खबर मिली कि आरोपित मुजीब निवासी पैमाखेड़ा और वसीम उर्फ वस्सी निवासी उटावड़ एक केंटर में गोवंशी की तस्करी कर राजस्थान ले जा रहे हैं। सूचना के आधार पर शाहपुर खेड़ा कटी घाटी मोड़ पर पुलिस टीम ने नाकाबंदी की। जब संदिग्ध वाहन मौके पर पहुंचा, तो पुलिस ने उसे रोकने के लिए सड़क पर लोहे के कांटे बिछा दिए।
नाकेबंदी को तोड़ने का प्रयास करते हुए तस्करों की गाड़ी के टायर पंचर हो गए और वे वाहन छोड़कर भागने लगे। इसी दौरान एक आरोपित ने पुलिस पर अवैध हथियार से फायरिंग कर दी। पुलिस ने सूझबूझ से काम लेते हुए खुद को बचाया और आरोपित मुजीब को दबोच लिया, जबकि दूसरा आरोपित वसीम उर्फ वस्सी फरार हो गया।
सभी पशुओं को सुरक्षित कराया गया मुक्त
पुलिस (Nuh Police) को मुजीब के पास से अवैध हथियार भी बरामद हुआ। जब पुलिस ने केंटर गाड़ी की तलाशी ली, तो आठ गोवंशी बंधे हुए मिले। सभी पशुओं को सुरक्षित मुक्त कराया गया और पशु चिकित्सा सहायता दी गई। इस मामले में पुलिस के सहयोग से सभी जरूरी सबूत जुटाकर मजबूत पैरवी की गई।
मामले की सुनवाई लगभग सात साल तक अदालत में चली। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित मुजीब को दोषी करार दिया, जबकि उसका फरार साथी वसीम को भगोड़ा घोषित कर दिया गया।



