कौन हैं रामपाल कश्यप? जिन्हें PM मोदी ने अपने हाथों से पहनाए जूते, पढ़ें क्यों 14 साल से चल रहे थे नंगे पांव

खंड सीवन के गांव खेड़ी गुलाम अली के रामपाल कश्यप ने 14 साल पहले एक संकल्प लिया कि जब तक देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं बन जाती और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनते, तब तक वह नंगे पांव जीवन व्यतीत करेंगे।
गर्मी, सर्दी, वर्षा और यहां तक कि अपने बेटे की शादी में भी उन्होंने जूते नहीं पहने। यमुनानगर में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब उन्हें अपने हाथों से जूते पहनाए तब रामपाल कश्यप का संकल्प अपनी परिणति तक पहुंचा।
प्रधानमंत्री जैसे ही रामपाल से मिले तो आगे बढ़ कर उनका स्वागत किया। हाथ मिलाया और बोले- ऐसा क्यों कर दिया? रामपाल ने उन्हें अपने प्रण के बारे में बताया तो मोदी ने कहा, आज हम आपको जूता पहना रहे हैं। आगे फिर कभी ऐसा नहीं करना है। काम करना चाहिए।

ऐसा करके खुद को कष्ट नहीं देना चाहिए। यह कहते हुए उन्होंने रामपाल को अपने हाथों से जूता पहनाया और लेब बांधे। साथ ही पूछा कि ठीक से आ गया ना। रामपाल ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह प्रधानमंत्री से मिल पाएंगे, जिस पर मोदी ने कहा कि आपका संकल्प पक्का था। यह बेहद भावुक क्षण थे, जिनकी प्रतीक्षा में रामपाल 14 साल तक नंगे पांव रहे।
प्रधानमंत्री और रामपाल कश्यप की इस मुलाकात की सूत्रधार बनीं राज्यसभा सदस्य रेखा शर्मा। वह गत सप्ताह एक अभिनंदन कार्यक्रम में गुहला की ब्राह्मण धर्मशाला में आई थीं, जहां रामपाल से उनकी मुलाकात हुई थी। उन्होंने रामपाल का वीडियो रिकॉर्ड करके पीएमओ को भेजा था।
40 साल से भाजपा से जुड़ने का दावा

रामपाल कश्यप एक खेत मजदूर हैं और उनका दावा है कि वह 14 वर्ष की आयु से 40 साल से भाजपा से जुड़े हैं। वर्तमान में वह करनाल की कंबोपुरा कालोनी में रहते हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में रामपाल कश्यप ने बताया, मैंने वर्ष 2012 में प्रण लिया था कि जब तक नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में भाजपा की सरकार नहीं बनती और वह उनसे मिल नहीं लेते तब तक जूते नहीं पहनेंगे।
हालांकि उनका प्रण वर्ष 2014 में पूर्ण हो गया था, लेकिन उनमें ठान लिया था कि प्रधानमंत्री से मिलने के बाद ही वह जूते पहनेंगे। इस बारे में उन्होंने सरकार और पार्टी संगठन के स्तर पर कई बार अवगत भी कराया, लेकिन संयोग नहीं बना। पिछले सप्ताह राज्यसभा सदस्य रेखा शर्मा जब गुहला आए तो स्थानीय नेताओं के माध्यम से उनसे मिलने का मौका मिला।
उन्हें अपने संकल्प के बारे में बताया तो उन्होंने वीडियो बना लिया और विश्वास दिलाया कि वह प्रधानमंत्री से मुलाकात करवाएंगी। 12 अप्रैल की शाम लगभग साढ़े चार बजे उनके पास प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया और यमुनानगर पहुंचने के लिए कहा। प्रधानमंत्री ने उनसे परिवार, रोजगार और अन्य कई बातें पूछी।
प्रधानमंत्री ने हर कार्यकर्ता को दिया संदेश
रामपाल कश्यप के प्रण के संदर्भ में अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर कार्यकर्ता को संदेश दिया है। उन्होंने लिखा, इन्होंने 14 वर्ष पहले एक व्रत लिया था कि ‘मोदी जब तक प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और मैं उनसे मिल नहीं लेता, तब तक जूते नहीं पहनूंगा।’
मुझे आज उनको जूते पहनाने का अवसर मिला। मैं ऐसे सभी साथियों की भावनाओं का सम्मान करता हूं, परंतु मेरा आग्रह है कि वो इस तरह के प्रण लेने के बजाए किसी सामाजिक अथवा देशहित के कार्य का प्रण लें।

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